हरियाणा प्रदेश की सरकार की तरफ से प्रदेश के निवासियों के लिए एक बड़ा तोहफा लाया गया है। प्रदेश में सरकार की तरफ से नए औद्योगिक टाउनशिप बसाने का फैसला लिया गया है और इनकी वजह से प्रदेश में काफी तेजी के साथ में विकास आगे बढ़ेगा। प्रदेश के 10 जिलों में सरकार ने इंटीग्रेटेड औद्योगिक टाउनशिप विकसित करने का फैसला लिया है और इन सभी टाउनशिप को प्रदेश के एक्सप्रेसवे और हाईवे के किनारों पर बसाने का फैसला लिया गया है।
कहां कहां बनेगी औद्योगिक टाउनशिप
हरियाणा के उद्योग मंत्री राव नरबीर सिंह ने हाल ही में इस परियोजना को लेकर बयान जारी किया है। मंत्री जी के अनुसार दिल्ली-कटरा, नारनौल-अंबाला और डबवाली-पानीपत को जोड़ने वाले एक्सप्रेस के किनारे इस परियोजना को विकसित करने का फैसला लिया गया है। इसके साथ ही प्रदेश के कई जिलों को इसके लिए चुना गया है जिनमे गुरुग्राम, हिसार, सिरसा, ग्रेटर फरीदाबाद, भिवानी, नारनौल, जींद, कैथल और अंबाला शामिल है। इन जिलों का चुनाव करने का प्रमुख कारण है। इन जिलों में पहले से ही सड़क और परिवहन को परियोजनाएं पूर्ण हो चुकी है जिसके चलते ये सभी जगह निवेशकों के लिए काफी लाभकारी साबित होने वाली है।
प्रदेश के इन सभी जिलों में सरकार की और से ऑटोमोबाइल, टेक्सटाइल, फूड प्रोसेसिंग, पेट्रोकेमिकल, फार्मास्युटिकल और इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे उद्योगों को बढ़ावा दिया जायेगा जिससे उत्पादन में और व्यापार में काफी तेजी के साथ में बूस्ट देखने को मिलेगा। सरकार का इस परियोजना के साथ में प्रदेश में लॉजिस्टिक्स और सप्लाई चेन को काफी मजबूत करने और तेजी के साथ में व्यापार को बढ़ाने पर फोकस है। प्रदेश के लोगों को इन परियोजनाओं के जरिये नौकरी मिलेगी और उनके क्षेत्रों का विकास भी काफी तेजी के साथ में होगा।
गुरुग्राम और फरीदाबाद बनेंगे टेक्नोलॉजी हब
सरकार की इस परियोजना के साथ ही गुरुग्राम और फरीदाबाद को औद्योगिक रूप से और सशक्त करने में काफी मदद मिलने वाली है। इसके साथ ही गुरुग्राम में ऑटोमोबाइल सेक्टर को नई ताकत मिलेगी जबकि फरीदाबाद में भारी मशीनरी और इंजीनियरिंग उत्पादों पर सरकार का जोर रहेगा। सरकार इन दोनों ही शहरों में टेक्नोलॉजी हब और स्मार्ट सिटी मॉडल पर आधारित औद्योगिक क्षेत्र बनाने पर जोर दे रही है। इसके लिए प्रदेश सरकार ने निजी कंपनियों और मल्टीनेशनल कंपनियों (MNCs) को भी निवेश के लिए आमंत्रित किया है।
रोजगार के सुनहरे अवसर मिलेंगे
परियोजना के तहत जो भी टाउनशिप स्थापित की जाने वाली है इनसे प्रदेश के लोगों और जो भी कुशल श्रमिक है उनके लिए नौकरियों के अवसर बढ़ेंगे। इसके साथ ही आपको बता दें की प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री नायब सैनी की तरफ से भी कहा गया है की “हमारा लक्ष्य है कि स्थानीय युवाओं को ज्यादा से ज्यादा रोजगार मिले। यह योजना हरियाणा को आर्थिक रूप से मजबूत बनाएगी और हमारे युवाओं के लिए नए करियर के रास्ते खोलेगी।”
यह योजना हरियाणा को उत्तर भारत का औद्योगिक केंद्र बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। एक्सप्रेसवे कनेक्टिविटी के कारण निवेशकों को बेहतर परिवहन सुविधाएं मिलेंगी जिससे व्यापार और उत्पादन में तेजी आएगी। साथ ही सरकार का जोर छोटे और मध्यम उद्योगों (SMEs) को बढ़ावा देने पर भी है जो स्थानीय अर्थव्यवस्था को और मजबूत करेंगे।